
Multiple Fake news claims-: Multiple users shared pictures of Ravish Kumar where he can be seen protesting at Shaheen Bagh as Muslim women in Burqa.
शाहीनबाग से आई है ये तस्वीर...गौर से देखिये
कहीं ये रविशकुमार तो नहीं???
रविश से ऐसी उम्मीद नहीं थी
शाहीनबाग से आई है ये तस्वीर...गौर से देखिये
— अपना नाम...✍हिंदी में लिखिए🙏 (@gulab_dharkar) February 22, 2020
कहीं ये रविशकुमार तो नहीं???
रविश से ऐसी उम्मीद नहीं थी
🤔🤔🤔🤔#ग़द्दार pic.twitter.com/sxlUbcvrlv
शाहीनबाग से आई है ये तस्वीर...
— Priyanka dubey (@Priyankadubey97) February 19, 2020
गौर से देखिये कहीं इन्हें Tv पर देखा तो नहीं है???
पहिले 10 पहिचानने वालो को प्रमोट करुँगी🤔@Priyankadubey97 pic.twitter.com/7LM337SGxr
Facts Check Verdict: False
News Verification:
Ravish Kumar himself exposed the fake news
SHARE MAXIMUM
— Mr. S. K. MITTAL (@friendking582) February 20, 2020
Ravish Kumar exposes How Fake News and Memes work to defame him
How Bhakts forwarded someone else's photo as His photo to link him to #ShaheenBagh pic.twitter.com/keqns4YPt1
#standwithRavish Ravish Kumar NDTV slammed trolls by revealing truth behind this photo of Shaheen Bagh - 'वो शकीला बेगम हैं, मैं नहीं', इस तस्वीर पर ट्रोल करने वालों की रवीश कुमार ने खोली पोल - Jansatta https://t.co/bQe1uOVjQo pic.twitter.com/4r4RCkwlX8
— Sagar Sonawane (@SagarSo91402064) February 20, 2020
Ravish Kumar verified about the picture in an Instagram post claiming that the women in the picture is Shakeela Begum, not Ravish Kumar.
He wrote in Hindi, “वो शकीला बेगम हैं, रवीश कुमार नहीं । आई टी सेल के मुख्य कार्यों में एक काम रवीश कुमार को लेकर अफ़वाहें फैलाना भी है। आई टी सेल एक मानसिकता भी है। मुझे लेकर हर समय कोई न कोई सामग्री आती रहती है। आयी टी सेल मुझे फँसाने के लिए कितनी मेहनत करता है। वो मुझसे मिलते जुलते चेहरों की तलाश में भी रहता है जिसे रवीश कुमार बता कर बदनाम किया जा सके। पिछले कुछ दिनों से एक महिला को लेकर अफ़वाह उड़ाई गई कि रवीश कुमार है। जो चेहरे पर पट्टी बांध कर शाहीन बाग में बैठा है। ये सारे काम कभी स्माइली लगा कर तो कभी प्रश्नवाचक चिन्ह लगाकर किए जाते हैं। जब कई माध्यमों से पहली तस्वीर आई तो पता करने का मन किया। क्योंकि इसे कई हैंडल से शेयर किया गया है। मानसिक रूप से गुलाम हो चुके कई लोग मेरी पोस्ट के कमेंट में इस तस्वीर को पोस्ट करने लगे हैं। मुन्ने भारती को काफ़ी मेहनत करनी पड़ गई। आख़िर पता लगा कि जिस तस्वीर को रवीश कुमार बताया जा रहा है वो शकीला बेगम की है। जो वहीं के एक मोहल्ले में रहती हैं। आई टी सेल को भी पता है कि झूठ पकड़ा जाएगा लेकिन ये सारा कुछ इसलिए किया जाता है ताकि आपके भीतर जो धारणा ठूँसी गई है उसकी हर समय पुष्टि होती रहे कि वो अपनी जगह पर है या नहीं। जो लोग आई टी सेल की बनाई धारणा की चपेट में आए हैं वो इसे देख कर वही बातें सोचते रहें। कभी बाहर न निकल सकें। आई टी सेल लोगों को सियासी तौर पर मानसिक ग़ुलाम बनाए रखने का मनोवैज्ञानिक प्रोजेक्ट है। खेल नहीं है।”
Blaming on some IT cell the famous left wing supporter Journalist claimed that, “IT cell is a political tool used psychologically for making people their ideological slaves. This is not a game”